बच्चों का सही खानपान कैसे करें।

आपको इस टॉपिक से पता चला है कि हमारा कहने का उद्देश्य क्या है हमारा उद्देश्य बच्चों को सही गाइडलाइन देना और बच्चों के जो हो रहे परवरिश में फेरबदल हो रहा है उसे ठीक करना आप सभी को पता है हमारा जो परिवेश है वह पहले की अपेक्षा अभी बहुत ग़लत डायरेक्शन में जा रहा है कुछ लोग इसे महसूस कर पाते हैं और कुछ लोग इसे महसूस नहीं कर पाते वह बस जिंदगी की भाग दौड़ में तेजी से बढ़ते चले जा रहे हैं।

मेरा उद्देश्य से बच्चों के भविष्य की बात करना उनके भविष्य को सुरक्षित करना उनके भविष्य से एक नया भारत का निर्माण करना बस इसी पहल के साथ मैं आद्या बच्चों के खान-पान की बात की है

आज का जो दौर चल रहा है जो उस समय है वह बहुत संवेदनशील है इस को संतुलित रूप से रखना बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि भागदौड़ की जिंदगी में बच्चे बहुत दूसरे व्यक्ति तुम्हें ढल रहें है।
बच्चों का खानपान बेहद संवेदनशील हो गया है वह बहुत कम खाते हैं उनको कभी भी प्रॉपर डाइट पसंद नहीं आता है उन्हें बस बाहर की जंक फूड्स ,फास्ट फूड यही सब पसंद आता है अगर आप उन्हें प्रॉपर करें कि बेटा दाल चावल सब्जी रोटी खाओ या जो भारतीय व्यंजन है उसे आप खाओ तो वह चिड़चिड़ी हो जाते हैं को कभी भी शुद्ध चीजों को अपने पास नहीं आने देते हैं उनसे दूर भागते हैं अगर आप उनके लंच में पूरी सब्जी दे दीजिए या रोटी सब्जी दे दीजिए उन्हें कभी भी लंच पसंद नहीं आएगा आप देखेंगे कि उनके लंच वापस घर वैसे ही आ जाएंगे और आप गुस्सा भी करेंगे कि आपने मुझे खाना अच्छा क्यों नहीं दिया इस तरीके से वाक्या होने लगती है।

सब समझ सकते कि बच्चे किस हद तक अपने डाइट को अपने खान-पान को भूल चुके हैं या उसमें वह दिलचस्पी नहीं लेते भोजन करते समय भारतीय व्यंजन आप अगर आप उनके सामने प्रजेंट करती हैं तो कभी भी वह मन लगाकर दिलचस्पी से भोजन को ग्रहण नहीं करेंगे हर समय उसमें कमियां निकालते रहेंगे कभी स्वार्थ को लेकर कभी उसके रंग रूप को लेकर या कभी कहेंगे कि हर समय एक ही भोजन मुझे पसंद नहीं आ रहा है इस तरीके से हो खानपान से दूर भागेंगे आप समझ सकते हैं बच्चों के लिए खानपान कितना जरूरी हो गया है उनको सही भोजन देना सही डाइट प्रदान करना मुश्किल हो जा रही है यह एक गंभीर प्रश्न है गंभीर समस्या है क्या बच्चे सही डाइट अपने डेली रूटीन में शामिल कर रहे हैं क्या उनको शुद्ध हेल्थी भोजन मिल पा रहा है ऐसे कई प्रश्न है जो बहुत चिंताजनक का विषय बनता जा रहा है।

बहुत कम बच्चे आपने देखी होंगी जो घर के बने शुद्ध भोजन को बहुत प्यार से ग्रहण करते हैं सौ परसेंट में से 95% बच्चे और अनहेल्दी भोजन की शिकार है 5% ही बच्चे ऐसे हैं जो शुद्ध और हेल्थी भोजन को ग्रहण करने में दिलचस्पी दिखाते हैं आप ,19 के दौर को देखिए उस समय के भोजन में और आज के समय के भोजन में बहुत अंतर आ गया है बच्चे स्वास्थ्य के पीछे नहीं स्वाद के पीछे भाग रहे हैं बच्चों का स्वस्थ रहना मायने नहीं है उनको स्वाद से मायने रखता है अविश्वास ही मानेंगे अगर आप बच्चों से पूछे कि मेथी ,पालक, चौराई, भाजी, तुम कभी नहीं बता पाएंगे कि ए क्या है इसका स्वाद क्या है क्योंकि बच्चों को यह सारी चीजें नहीं पसंद आती है करेले से नफरत है उन्हें तरोई से नफरत है उन्हें टिंडे से प्रॉब्लम है आप सोचे कि बहुत बड़ी गंभीर समस्या है हमारे देश में हमारे जनरेशन के छोटे आने वाली जनरेशन है उनके लिए बड़ी समस्या है।

अक्सर बच्चों को अन हेल्थी स्पाइसी खाना खाना पसंद है अगर उन्हें हेल्दी खाना दे दिया जाए तो कभी भी मन से नहीं खाएंगे उन्हें हेल्दी खाना खाना नहीं पसंद आता है अगर आप उनसे कहे कि आप पत्ता गोभी या पालक मेथी खाएं तो वह कभी भी इस चीज के लिए मन नहीं बना सकते हद तब होती जब करेला तरोई नेनुआ खाने को कह दीजिए ऐसा लगता है कि उन्हें कोई कैदी की तरह खाना दे रहा है उनको जेल का बना हुआ खाना परोसा जा रहा है वह इस तरीके से अपना आवरण तैयार कर लेते हैं कि उठाने से नफरत सी महसूस होने लगती है अगर उन्हें अच्छा खाना पूछे तो क्या होता है तो कहेंगे रेस्टोरेंट में जाकर फास्ट फूड खाना पिज्जा बर्गर चाऊमीन मैगी पास्ता माइक्रोनी इस तरीके के भोजन को वह अच्छा भोजन मानते हैं।

अगर हम बात करें छोटे बच्चों की तो अक्सर उन्हें लंच में मैगी चाऊमीन पास्ता या पाव भाजी तरीके का भोजन उनको उनके लंच में चाहिए अगर आप उन्हें रोटी सब्जी या दाल चावल पैक कर रहे हैं तो उनके लिए बुरा फील होता है उन्हें अपने भोजन में शर्मिंदगी महसूस होती है वह अदर बच्चों के सामने अपने लंच को खोलने से हिचकीचाएंगे अगर इस तरीके से भोजन ना मिले तो उनको पैकेट बंद वस्तु चाहिए वह चाहे बिस्किट का पैकेट हो चिप्स का भी पैकेट हो या तो आजकल मार्केट में कई तरीके से ऐसी फूड अवेलेबल सो गए हैं ऐसे बेकरी के वस्तु अगले वर्ष हो गए हैं जिनको बच्चे बड़े मन प्रसन्न होकर खाते हैं।

अगर आप उनको उनके हाथ में सारी चीजें दे दे तो उनको जन्नत सा महसूस होने लगता है पर यह सारी वस्तु खाकर बच्चों का स्वास्थ 4 दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात जैसी वाली कंडीशन हो जाएगी। क्योंकि थोड़ा भी मौसम का हाल बेहाल होता है तो बच्चों के स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव छोड़ जाता है क्योंकि बच्चे अंदर से मजबूत नहीं है उनका इम्यूनिटी पावर स्ट्रांग नहीं है अंदर से कमजोर है आपको नहीं पता आजकल के बच्चे बाहरी आवरण से खूबसूरत हैं उनके शरीर में कोई भी अच्छी चीजें नहीं प्रोवाइड हो पा रही है वह बाहर के विषाक्त पदार्थ को ग्रहण कर रहे हैं और उसी में वह खुश हैं आप सभी पेरेंट्स से निवेदन है कि अपने बच्चों को सही ढंग से परवरिश दें अगर आपके पास 2 बच्चे हैं तो उनके परवरिश का ध्यान दें क्योंकि वह आने वाले  नवभारत के नवनिर्माण हैं।

उन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है वरना अब आधे टाइम हॉस्पिटल डॉक्टर और मेडिकल स्टोर के चक्कर काटते रह जाएंगे अभी भी बच्चों को छोटे बच्चे हैं उन्हें मेडिसिंस के आदत से दूर रखें उनके स्वास्थ्य को कभी भी दवाओं के आदत ना लगाएं वरना कुछ भी ऊपर नीचे अगर उनकी स्वास्थ्य के साथ होता है तो वह दवाओं के असर से इतना गिर चुके रहेंगे कि फिर उन्हें किसी अदर वस्तु से वह ठीक नहीं हो सकती उनको एक दोस्त की तरह मेडिसिन ही चाहिए ऐसा उनका बॉडी रिक्वायरमेंट करने लगेगा।

आप समझीए आज का दौर

भारतीय व्यंजनों का ना होकर फास्ट फूड का दौर चलना है जंक फूड का जंजाल चल रहा है ऐसे में बच्चों को पोषण युक्त भोजन कराना यह उनकी परिवार वह माता-पिता की जिम्मेदारी होती है।

आज फास्ट फूड का दौर चल रहा है उसकी आगे बच्चों को कहां हेल्दी खाना खाना अच्छा लगता है और यही समस्या थी उनके पोषण में वह अच्छा खाना नहीं खाते हैं पोस्टर युक्त प्रोटीन से भरपूर में कुछ भी नहीं मिल पाता व्हाट डिब्बाबंद खाना खाने को पसंद करते हैं जिसके वास्तविकता गुण का पता ही नहीं रहता है डिब्बाबंद खाने में उनके वास्तविकता गुण दूर-दूर तक नहीं रहते हैं उसमें जितने पोषण युक्त पदार्थ होते हैं वह खत्म हो जाते हैं क्योंकि डिब्बाबंद खाने को केमिकल के द्वारा सुरक्षित रखा जाता है उसमें अगर नाइट्रोजन गैस का असर ना डाला जाए या विनेगर ऐसे कई तरीके के केमिकल्स होते हैं जो डिब्बाबंद खाने में ना डाला जाए भोजन खराब आप सोचिए कि आप क्या खा रहे हैं केमिकल या भोजन विचार करें कि आप अपने बच्चों को क्या दे रहे हैं केमिकल युक्त भोजन या शुद्ध हेल्थी भोजन वैसे भी आजकल का जो दौर चल रहा है फोन लैपटॉप टैबलेट कंप्यूटर सबसे बड़ा जंजाल फोन हो गया है उसमें उपलब्ध ढेर सारे सोशल मीडिया जिनके चलते बच्चे अपनी असल जिंदगी को जीना छोड़ चुके है।

क्योंकि ढेर सारे सोशल मीडिया की प्लेटफार्म होने की वजह से 24 घंटे बच्चे बड़े या युवा अपना सारा समय उसी फोन को दे रहे हैं उस फोन की वजह से वह अपने सारे शेड्यूल को खराब कर चुकी फोन की वजह से सारा संतुलन डगमगा चुका है परंतु इसका अफसोस किसी भी व्यक्ति को नहीं है बच्चे सोशल मीडिया के चलते अपने कार्य को धीमी गति दे रहे हैं हम बात करें उनके भोजन की अगर किसी बच्चे के हाथ में फोन है वह गेम खेल रहा है या फोन में कोई वीडियो देख रहा है तो उससे भूख प्यास दर्द कुछ भी नहीं लगेगा उसे सिर्फ फोन चाहिए उस फोन में कुछ भी चल रहा हूं उस से मतलब नहीं है इस वजह से उनके खाने को लेकर यह चिंताजनक विषय है आप सभी माता-पिता से गुजारिश है कि वह अपने बच्चों के सेहतमंद ही भोजन कराएं क्योंकि उनको बढ़ने में उनको ताकत के लिए साथ ही बढ़ती उम्र के साथ मजबूती प्रदान करने के लिए शुद्ध सात्विक भोजन देना बहुत बहुत ज्यादा आवश्यक है तरह तरह का उपयोग करके भोजन कराना चाहिए क्योंकि कुछ बच्चे हरी सब्जियां खाने से कतराते हैं उन्हें आलू ज्यादा पसंद होता है आलू को फ्राई कर लेंगे आलू की भुजिया पसंद है आलू की पकौड़ी या पसंद है इस तरीके का भोजन बच्चों को ज्यादा पसंद आता है परंतु हरी सब्जियों से वह बहुत दूर भागते हैं ।

तो हर माता-पिता को यह चाहिए कि वह अपने बच्चों के खान-पान को लेकर एक जिम्मेदारी निभाए अगर आपका बच्चा हरी सब्जी नहीं खा रहा है यार रंग बिरंगी सब्जी से दूर भाग रहा है तो आप अपने बच्चे को इस तरीके से उस खाने को प्रेजेंट करें कि बच्चा को खाने से प्यार हो जाए।

आप को बच्चों के भोजन में हरी सब्जियां रंग-बिरंगे दाल दूध ड्राई फूड्स साबुत बीज अंकुरित चने अंकुरित मूंग अंकुरित गेहूं इस तरीके का भोजन उनके डाइट में शामिल करें जिससे बच्चों को भरपूर न्यूट्रीशन और ताकत मिले उन्हें समय से खाना खिलाए खाना खाते वक्त फोन का प्रयोग ना कराएं उन्हें थोड़ा थोड़ा खाना दिन भर में 3 से 4 बार खिलाएं और भरपेट खिलाएं ऐसे में बच्चे का ध्यान खाने के ऊपर आकर्षक रहेगा ध्यान रहे जब भी आपका बच्चा भोजन करने जा रहा है तो आप उसी सोसल नेटवर्क से दूर रखेंगे अगर फिर भी वह खाना खाने में समस्या उत्पन्न करते हैं या मन से खाना नहीं खाते हैं तो उन्हें ने जो पसंद है उसी में हरी सब्जियों को मिलाकर कुछ टेस्टी सा भारतीय व्यंजन प्रस्तुत कर दीजिए जो उनके मन को भाए उससे कोई हेल्दी डिस बनाएं जिससे आपका बच्चा उसके प्रति आकर्षण हो जाए और भोजन करने में कोई समस्या ना दिखाएं।

अगर आपका बच्चा छोटा है सब्जियों का ज्ञान नहीं है परंतु उसके स्वाद से वह समझता है तो उससे हरी सब्जियां विभिन्न प्रकार की दालों को अलग अलग तरीके से स्वादिष्ट पीस बनाकर उसके सामने प्रस्तुत करें और उसे खिलाने का पूरा प्रयास करें जिससे बच्चों के अंदर सभी प्रकार की न्यूट्रिशन पोषण शक्ति उपलब्ध हो और उनको बहुत ताकत मिले क्योंकि दूध पीने से आपका बच्चा सेहतमंद और ताकतवर नहीं हो सकता है या सिर्फ आप सिंगल रायपुर खिलाए तो उससे आपका बच्चा कभी भी मोटा ताजा नहीं हो सकता है आप किसी भी खाने की वस्तु को सिंगल प्रयोग नहीं कर सकते हैं आपको सभी को थोड़ा-थोड़ा हर चीज अपने बच्चों को सही ढंग से सही मात्रा में खिलाएंगे तो उनको सारी चीजों का न्यूट्रीशन एक साथ मिलेगा और आपके बच्चे स्वस्थ और सुरक्षित

क्योंकि आपको पता है आजकल कोई ना कोई वायरस शायरी रहे हैं अभी हाल ही में कोविड-19 खत्म हुआ है वह भी पूरी तरह से नहीं कहीं ना कहीं कभी ना कभी कोई एक केस मिल जा रहा है तो हमारा देश इस बुरे दौर से गुजर कर एक नई सुबह की तरह उठा है तो अब जाकर अच्छी तरीके से अपने घर में बच्चों की देखभाल सही ढंग से कर सकते हैं क्योंकि बच्चे वस्तु नहीं है अगर एक बार टूटी तो हम मार्केट से दूसरा ले जाएंगे बच्चे हमारे शरीर का एक विभिन्न अंश है जो टूटने पर वापस नहीं आएगा तो कभी भी उनके सेहत के साथ लापरवाही ना बरतें हमेशा उनके खान-पान का ध्यान जरूर रखें यह सिर्फ आपका बच्चा नहीं है यह नव भारत में जन्मा भारत का युवा है जो आने वाले समय में भारत को ऊंचाइयों पर पहुंच आएगा।

अगर आपके बच्चे को मीठा खाना पसंद है तो आप दलिया बनाइए साबूदाना बना दीजिए या सारे मीठे वेजिटेबल्स को कट करके उसका एक गाना मिक्सर तैयार कर लीजिए चाहे बुधल्या में डालकर बनाई है साबूदाना में डालकर बनाई है चाहे आप चावल की खीर में डालकर बनाइए कहने का तात्पर्य यह है कि चीनी की जगह आप उनको गुण या गन्ने की जूस या शहद का प्रयोग करें उससे आपके बच्चे में स्वाद का तलब बढ़ेगा और उनकी सेहत में सुधार होगी और कभी भी उनके चीनी की वजह से शुगर बीपी की समस्या छोटे पन से उत्पन्न नहीं होगी।

अगर आपके बच्चे को नमकीन भोजन की पसंद है तू से हरी मौसमी सब्जियों का प्रयोग करके नई तरीके से उसके सामने हेल्थी और अच्छा व्यंजन बनाकर प्रस्तुत करें उसे अंकुरित चना मूंग फल सलाद ड्राई फूड्स एक सही मात्रा में उपयोग करें छोटे बच्चों को भोजन कराने के लिए एक टाइम टेबल तैयार कर लीजिए जिससे आपको भी आसानी होगी कि हम बच्चे को सही डाइट क्या दे पाए और क्या दे रहे हैं इस समस्या से आपको छुटकारा मिल जाएगा उनका एक टाइम शेड्यूल तैयार करिए और अपना मूल मंत्र हमेशा याद करिए हर दिन कुछ नया करने का क्योंकि बच्चे क्रिएटिव दिमाग के होते हैं तो उनके साथ हर दिन कुछ नया प्रजेंट करेंगे तो वह आपकी बातों को मानेंगे और आपके बातों का प्रभाव उनके दिमाग पर होगा इससे वह सही डायरेक्शन में अपना कदम बढ़ाएंगे हमेशा बच्चे को भोजन में नया एक्सपेरिमेंट करके उनको भोजन कराने की कोशिश करें अगर जो बच्चा भोजन करने में आनाकानी करता है आपको बस यह चाहिए कि आपका बच्चा संतुलित पौष्टिक ताकत से भरपूर भोजन करें जिससे उसके जीवन में आने वाली कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या ना उत्पन्न हो बच्चों को क्या खिलाएं जिससे उनका मन भटके नहीं और खाने के प्रति आकर्षक रहें बच्चों को जंक फूड से थोड़ा दूर रखें अगर वह चाऊमीन मैगी खाने की ज़िद्द कर रहे तो आप उन्हें आलू चावल और थोड़ा सा मैदा डालकर एक आटा तैयार करने उस आटे को नमकीन वाली मशीन में डालकर गर्म पानी में चौमिन तैयार करने आप किसी भी चीज को बहुत लाइट की यूज़ करें क्योंकि कभी-कभी माता-पिता अपने बच्चों की जिद के आगे झुक जाते हैं और थोड़ा आलस भी हो जाते इसलिए वह पैकेट बंद भोजन का इस्तेमाल जल्दी से करके अपने बच्चों की खुशी पागल परंतु कहा गया है ना कि शॉर्टकट से जाना कभी-कभी लॉन्ग कट बन जाता है वह सारी चीजें जब बच्चा हमारा बीमार पड़ता है उसमें दिख जाता है तुझे भी बच्चों को फास्ट फूड खाने का मन करे तो उन्हें ने होममेड बनाएं और उसमें मौसमी सब्जियों का जितना भंडार हो उसे डालकर एक टेस्टी सा मैगी चाऊमीन बनाकर अपने बच्चों को खिला सकते हैं और कोशिश करें कि हमेशा भारतीय व्यंजन को ही बच्चों के सामने प्रस्तुत करें एक डाइट प्लान बना लीजिए कि सुबह आपको दूध ब्रेड अंडा कुछ ड्राई फूट्स यह खाने हैं और दोपहर की भोजन में दाल चावल सब्जी रोटी सलाद दही एक पूरी डाइट प्लान के साथ बच्चों को भोजन कराएं।

शाम के टाइम उनको हल्का फुल्का नाश्ता दे पर पैकेट बन्द नहीं अगर जो बच्चा बाहर खाने का दिल कर रहा है कोशिश करें कि उसे घर पर तुरंत तैयार करें और पूरा का पूरा होम मेड होना चाहिए इससे बच्चों की सेहत के साथ कोई खिलवाड़ ना हो सकें
और कभी भी एक बार तेली प्रयोग होने के बाद दोबारा उसी तेल में कभी भी भोजन ना बनाएं उतना ही तेल या वस्तु का उपयोग करें जितना आपकी जरूरत है बार-बार एक ही तेल में डीप फ्राई करने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है बच्चों की मानसिक स्थिति भी डाउन होने लगती है।
बच्चे को आप दे सकते हैं
  • विभिन्न प्रकार के थोड़े-थोड़े ड्राई फूड्स
  • दलिया, साबूदाना
  • दूध ब्रेड अंडा हरी सब्जियों का मिक्स अप
  • फिर दाल चावल सब्जी रोटी
फिर उनके मूड के हिसाब से जो आपको अच्छा लगे जो उन्हें पसंद हो उस तरीके से भोजन खिलाएं और खास करके डिब्बाबंद भोजन से दूर रखें अपने बच्चों को संतुलित जीवन प्रदान करना यह हर माता-पिता के हाथ में हो सकता है और हर माता-पिता एक पहल कर सकते हैं कि हम अपने बच्चों को स्वस्थ रखें कभी भी डॉक्टर के पास दौड़ने की आवश्यकता ना आए इस संकल्प के साथ अपने बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ भोजन कराएं।