फिटकरी के आयुर्वेद गुण

क्या आप को पता है फिटकरी हमारे लिये कितना उपयोगी हैं।

क्या आप जानते है कि फिटकरी के गुण नहीं ना हम आप को बतायेंगें : 1 फार्मुला से अनेकों उपचार : क्या है।आइये जानते

फिटकरी एक पारदर्शी ठोस कि्स्टल पदार्थ है जिसका रंग हल्का सफेद मटमैला रंग होता है यह हमारे घरो में आसानी से मिल जाती हैं। क्योकि इसका उपयोग हम शरीर के हर घर के कामो से लेकर विकारो को दूर करने में करते हैं चाहे वा स्वास्थ की बात मे यह उपयोग्य हर बात हो या संहत की दोनों,वैसे फिटकरी का रासायनिक नाम व सूत्र भी जानना आवश्यक होता क्योंकि जिवन में छोटे से बड़े वास्तु की किमत बराबर होती हैं

फिटकरी के उपयोग से पानी की सफाई

फिटकरी का उपयोग हम अक्सर घरो में बारिश के दिनो में पीने के पानी की सफाई हेतु करते है। या गंदा मटमैला पानी हो तब क्योंकि आधुनिकता के होड़ में कई ऐसे टेक्नोलॉजी आ गये है जो पानी को साफ करते तो है परन्तु पानी का उतना नुकसान भी करता है। (RO) फिल्टर है जो पानी को फिल्टर कर हमारे पास शुद्ध पानी, देता है परन्तु उस पानी में सारे मिनरल्स तत्व को नष्ट कर देता है और फिल्टर के साथ पानी की बर्दबादी बहुत होती

इसलिए हमारे घरो में पहले हमारे बुजुर्ग, पानी को साफ करने के लिए मिट्टी के घड़े व फिटकरी का उपयोग करते हैं
क्योकि मिट्टी शुद्ध होता है उसमे मौजूद नैनो स्पेश उसके रोम छिद्र पानी के गंदगी को एक्जॉर्ब कर हमारे पास शुद्ध पानी देती है। उसी प्रकार कर फिटकरी भी हमारे पानी को साफ शुद्ध पानी प्रदान करती है।

क्योंकि फिटकरी एक गुण कारी औषधि है और यह आयुर्वेद में इसका मकांम अलग है यह हमें सेहत भी प्रदान करता है।

पानी को साफ करने के लिए फिटकरी को कैसे करें उपयोग

  • सर्वप्रथम मार्केट से फिटकरी लाएं उसे पानी से धुल कर साफ़ कर लें तद्पश्चात हमें एक साफ किये हुये टुकडे को पानी से भरे बर्तन मे 5 मिनट तक घुमा देना है ।
  • उसके बाद उस पानी को हिलाये डुलाये नही उसे शांत जगह पर रख दे।
  • उसके बाद वो पानी २ घण्टे में पूरी तरह से सफेद शुद्ध पानी प्राप्त हो जायेगा ।
  • यह प्रक्रिया रात में करें,तो ज्यादा लाभ होगा क्योकि रात में करने से पानी ज्यादा हिलेगा नहीं और पानी साफ हो जायेगा।
  • पानी की गंदगी तली में बैठ जाती है और ऊपर के साफ पानी को दुसरे बर्तन में छान ले। उसके बाद यह पानी पीने योग्य हो जायेंगा।
  • फिटकरी के पानी पिने से गले के संबंधित रोग समाप्त होत है।