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क्या आप बुखार से परेशान है?
परिजात का पेड़ जिसको बोलते हैं हरसिंगार
इससे हमारे पुराण में अक्षय वृक्ष के नाम से भी जानते हैं समुंद्र मंथन में हरसिंगार का पेड़ भी निकला था और समुद्र मंथन में निकला हुआ चीज हमारे लिए कारगर साबित हुआ है
कुदरत के द्वारा दी गई हुई सबसे अनोखा पेड़ है जिससे हमारे सभी समस्याओं का समाधान संभव है
अगर धार्मिक मान्यता के अनुसार देखा जाए तो इसमें भगवान विष्णु का वास होता है कहते हैं कि इसमें तीनों देवताओं का सामान योग भी पाया जाता है अगर इसका सुबह दर्शन कर लें तो हमारा सारा दुख दर्द या आने वाली बाधाएं कट जाती है जब यह पेड़ इतना उपयोगी है हमारे लिए तो सोची जब इसका उपयोग हम अपने स्वास्थ्य के लिए करेंगे तो कितना उपयोग होगा यह आपको बताने की जरूरत नहीं है
हरसिंगार का पेड़ सबके घरों में पाया जाता है इसका सही उपयोग कैसे करें आइए जानते हैं
अगर किसी व्यक्ति को बुखार आ रहा है उसका बुखार उसे छोड़ नहीं रहा है कभी-कभी ऐसा होता है कि दिन में बुखार आता है और रात में कभी किसी व्यक्ति को रात में बुखार आता है दिन में नहीं या कभी कभी आपके साथ ऐसी समस्या आती है कि आपको लगता है कि आप अंदर से बीमार हैं आपको अंदर से फीवर है और आपके बाह्य शरीर पर इसका प्रभाव देखने को नहीं मिलता है
ऐसे में हमें हरसिंगार के पत्ते का सही प्रयोग करके हम अपने स्वास्थ्य का देखभाल कर सकते
सामग्री
- हरसिंगार का पांच पत्ता
- 2-1/2 खंडा काली मिर्च
- भुना हुआ जीरा पाउडर
- सेंधा नमक
बनाने का तरीका
- सर्वप्रथम हरसिंगार के 5 पत्ते को तोड़ लें
- उसे स्वच्छ पानी से धूल कर साफ करें
- उसके बाद उससे दो गिलास पानी डालकर उबालने के लिए छोड़ दें इस पत्ते को तब तक उबालें जब तक आपका पानी आधा ग्लास ना हो जाए
- जब पककर आप का काढ़ा आधा हो जाए तो उसे छान ले उसके बाद उसमें
- 2-1/2 खंडा काली मिर्च भुना हुआ जीरा पाउडर,सेंधा नमक,काला नमक मिलाकर उसे पी जाए
स्वाद में थोड़ा कड़वा जरूर लगेगा परंतु आपको आपके बुखार से छुटकारा मिल जाएगा
आपको यह काढ़ा दिन में तीन बार पीना है ढाई महीने तक इससे आपका बुखार जड़ से खत्म हो जाएगा